
नरवाई जलाने पर किसानों पर सख्त कार्रवाई
केसली एवं रहली तहसील में किसानों के खेत में पराली जलाने पर एफआईआर दर्ज
सागर 25 अक्टूबर 2025
कलेक्टर संदीप जी. आर. के निर्देशानुसार जिले में पराली नरवाई जलाने के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में तहसील केसली एवं रहली क्षेत्र में अलग-अलग किसानों के विरुद्ध फसल अवशेष जलाने पर अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं।
तहसील कार्यालय केसली के पटवारी अरविंद कुर्मी पटेल ने तहसीलदार केसली के आदेश के तहत थाना गौरझामर को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें ग्राम नयानगर निवासी राकेश कुमार पिता गोकलचंद जैन द्वारा खेत में पराली जलाने की जानकारी दी गई। जांच में पाया गया कि आरोपी ने अपनी भूमि खसरा नंबर 480/2 रकबा 2.00 हेक्टेयर पर मक्का की फसल कटाई के बाद फसल अवशेषों को जलाया, जिससे पर्यावरण प्रदूषण एवं आगजनी की संभावना उत्पन्न हुई। इस कृत्य को शासन के निर्देशों और Air (Prevention and Control of Pollution) Act, 1981 का उल्लंघन पाया गया। इस पर थाना गौरझामर में आरोपी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा के तहत मामला दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई।
इसी प्रकार तहसीलदार केसली के तहत ग्राम जनकपुर के किसान भरत पिता शिवराज लोधी एवं आशीष पिता शिवराज लोधी द्वारा अपनी भूमि खसरा नंबर 359/2 रकबा 2.59 हेक्टेयर पर पराली जलाने का मामला सामने आया। मौके की जांच में पाया गया कि दोनों किसानों ने बिना अनुमति खेत में आग लगाई, जिससे जनहानि, धनहानि एवं पर्यावरणीय क्षति की संभावना बनी।
रहली में भी एफआईआर दर्ज
तहसील रहली क्षेत्र में आवेदक बलराम अहिरवार की रिपोर्ट पर ग्राम ढिकुआ निवासी जयराम पिता हरिराम कुर्मी के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ। आरोपी ने अपने खेत खसरा नंबर 45/1, रकबा 1.49 हेक्टेयर में पराली जलाकर शासन के प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन किया था। तीनों मामलों में अपराध पंजीबद्ध कर जांच प्रारंभ कर दी गई है।
कलेक्टर संदीप जी. आर. ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिले में पराली जलाने की किसी भी घटना को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे खेतों की सफाई के लिए वैज्ञानिक और पर्यावरण अनुकूल विधियों का उपयोग करें, अन्यथा उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर की अपील
कलेक्टर संदीप जी. आर. ने जिले के सभी किसानों से अपील की है कि वे नरवाई या पराली न जलाएं तथा फसल अवशेष प्रबंधन हेतु शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए संसाधनों का उपयोग करें। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश में धान, गेहूं एवं अन्य फसलों के अवशेषों को खेतों में जलाना प्रतिबंधित किया गया है।











