
हौसलों और कुशलताओं की दम पर यामिनी ने भारत का नाम रोशन किया–विधायक लारिया
(जूडो खिलाड़ी यामिनी मौर्य: संघर्ष, सहनशीलता और हौसलों की उड़ान ने लिखी सफलता की कहानी)
सागर/04.10.2025
जूडो आसान खेल नहीं है। फुटबॉल के बाद यह दुनिया का दूसरा ऐसा खेल है जहां मानसिक और शारीरिक पराक्रम का कड़ा इम्तिहान होता है। जूडो आत्म नियंत्रण, रणनीति और सहनशीलता का मेल है। भारत परंपरागत रूप से जूडोका में एक पावर हाउस नहीं रहा है। ऐसे में एक लड़की के तौर पर जूडोका में अपनी पहचान बनाना यामिनी मौर्य के लिए दोहरी उपलब्धि है। यामिनी ने हौसलें और कुशलताओं की दम पर भारत का नाम रोशन कर अंतर्राष्ट्रीय सफलता से दुनिया में अपनी पहचान बनाई। यामिनी अन्य बेटियों के लिए रोल मॉडल एवं प्रेरणा स्रोत है।
यह बात नरयावली विधायक इंजी. प्रदीप लारिया ने विधायक कार्यालय में जूडो खिलाड़ी यामिनी मौर्य का स्वागत एवं सम्मान कर हौसला अफ़जाई करते हुऐ अभिव्यक्त किये।
उन्होंने आगे कहा कि हमें गर्व है विधानसभा परिवार के पुरानी सदर, केंट निवासी बेटी यामिनी ने न सिर्फ राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का परचम भी लहराया।
यामिनी के कोच दीपक रजक ने विधायक लारिया को यामिनी की उपलब्धियों से अवगत कराया कि यामिनी ने हाल ही में 29 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक आयोजित राष्ट्रीय रैंकिंग प्रतियोगिता में 57 किलोग्राम वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। एशियन गेम्स 2026 और कॉमनवेल्थ गेम 2026 के ट्राइल के लिए एवं आने वाले इंटरनेशनल गेम्स के लिए चयन हो गया है और अभी हाल ही में 12 से 13 जुलाई 2025 में एशिया ओपन में चायनीज़ ताइपे में सिल्वर मेडल जीता। इसी वर्ष विक्रम अवॉर्ड भी प्राप्त किया।
विधायक लारिया ने यामिनी की उपलब्धियों पर बधाइयां एवं शुभकामनाएं दी और 2028 में आयोजित ओलंपिक में देश के स्वर्ण पदक जीतने का आशीष दिया। विधायक लारिया ने यामिनी के पिता हरिओम मौर्य एवं कोच दीपक कुमार को बधाई दी।