
मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस कमेटी
भोपाल, दिनांक: 22 अक्टूबर 2025
दलितों पर बढ़ते अत्याचारों से दहल उठा मध्यप्रदेश — भाजपा राज में “जुल्म का जंगलराज” चरम पर : जीतू पटवारी
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश के भिंड जिले के सुरपुरा गांव में एक दलित युवक के साथ हुई अमानवीय घटना पर गहन चिंता व्यक्त की है। यह घटना न केवल मानवता की हत्या का प्रतीक है, बल्कि भाजपा सरकार की कानून-व्यवस्था की पूर्ण पतन का जीता-जागता प्रमाण है। यह सवाल उठाता है कि भाजपा सरकार के शासनकाल में दलितों, आदिवासियों और वंचित वर्गों के साथ दुश्मनी क्यों?
क्यों मध्य प्रदेश लगातार दलित उत्पीड़न की दर्दनाक दास्तां लिख रहा है?
भिंड घटना: अमानवीय यातनाओं का नया अध्याय
मध्य प्रदेश के भिंड जिले के सुरपुरा गांव में एक 25 वर्षीय दलित युवक, जो पेशे से ड्राइवर है, के साथ तीन दबंगों – सोनू बरुआ, आलोक पाठक और छोटू ओझा – ने घृणित अपराध किया।
आज श्री पटवारी ने वीडियो कॉल के माध्यम से पीड़ित युवक से घटना कि बिस्तृत जानकारी ली पीड़ित ने बताया कि उसने कुछ दिन पहले दतावली गांव के सोनू बरुआ की बोलेरो चलाने का काम छोड़ दिया था और ग्वालियर के दीनदयाल नगर में अपने ससुराल में रहने लगा था। सोमवार रात आरोपी ग्वालियर पहुंचे, पीड़ित को जबरन कार में बिठाकर भिंड के सुरपुरा गांव ले आए। वहां पहुंचते ही उन्होंने पीड़ित की बेरहमी से पिटाई की, जबरन शराब पिलाई और फिर पेशाब पीने के लिए मजबूर किया। पीड़ित की हालत बिगड़ने पर आरोपी उसे वहीं छोड़कर फरार हो गए। किसी तरह फोन कर परिजनों को सूचना दी गई, जिन्होंने पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया।
भाजपा सरकार को बताना होगा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
मध्य प्रदेश में दलित अत्याचारों की बढ़ती श्रृंखला:
भाजपा शासन की विफलता यह घटना कोई एकाकी नहीं है। मध्य प्रदेश में भाजपा के शासनकाल में दलितों पर अत्याचारों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में मध्य प्रदेश में 7,732 दलित अत्याचार के मामले दर्ज हुए, जो देश में तीसरे स्थान पर है। भाजपा शासित राज्यों में दलितों के खिलाफ अपराधों का दर सबसे अधिक है। हाल की कुछ प्रमुख घटनाएं निम्नलिखित है
घटना का विवरण
16 अक्टूबर 2025 कटनी
एक दलित युवक को अवैध रेत खनन का विरोध करने पर सरपंच के पुत्र और तीन अन्य ने पीटा और पेशाब पिलाया।
27 नवंबर 2024 शिवपुरी
30 वर्षीय दलित नरद जाटव को सरपंच पदमा सिंह धाकड़ और परिजनों ने बोरवेल विवाद में लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला। 8 गिरफ्तार।
20 जून 2025 छतरपुर
19 वर्षीय दलित किशोर पंकज प्रजापति को राशन मांगने पर गोली मार दी गई।
21 जुलाई 2024 खजुराहो
दलित सफाईकर्मी रोहित वाल्मीकि को पुलिस ने वाहन ओवरटेक करने पर पीटा।
25 जुलाई 2024 कटनी
एक दलित मां और उसके नाबालिग पुत्र को पुलिस ने थाने में पीटा।
11 जनवरी 2025 छतरपुर
20 परिवारों को दलित व्यक्ति से प्रसाद लेने पर सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा।
13 अक्टूबर 2025 दमोह
पुरुषोत्तम कुशवाहा को अवैध शराब विक्रेता ने पैर धोने का पानी पिलाया और ब्राह्मण पूजा की शपथ दिलाई।
ये घटनाएं स्पष्ट करती हैं कि मध्य प्रदेश में “जुल्म का जंगलराज” कायम है। भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, जो स्वयं गृह मंत्री भी हैं, की विदेश यात्राओं के दौरान अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। एनसीआरबी डेटा बताता है कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश में दलितों पर अपराधों का दर 43.4% है, जो देश में सबसे अधिक है।
मध्य प्रदेश का राजनीतिक दुर्भाग्य: भाजपा का दलित-विरोधी चेहरा मैं इसे मध्य प्रदेश का राजनीतिक दुर्भाग्य ही कहूंगा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और गृह मंत्री एक ही व्यक्ति हैं, फिर भी दलितों के खिलाफ हिंसा बढ़ रही है। भाजपा का “सबका साथ, सबका विकास” का नारा खोखला साबित हो रहा है। पूरे देश का वंचित वर्ग पूछ रहा है –
बीजेपी को दलितों से क्या दुश्मनी है? क्यों हर बार #मध्यप्रदेश दलित उत्पीड़न की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं? कांग्रेस पार्टी हमेशा से दलितों और वंचितों के अधिकारों की रक्षक रही है। डॉ. बी.आर. अंबेडकर के संविधान ने हमें समानता का अधिकार दिया, लेकिन भाजपा सरकार उसे कुचल रही है।
कांग्रेस पार्टी इस “जुल्म के जंगलराज” के विरुद्ध आखिरी सांस तक संघर्ष करेगी। हम डॉ. बाबा साहब अंबेडकर के विचारों पर अडिग रहेंगे और वंचित वर्ग के हक की रक्षा करेंगे।