सागर । नाबालिग बालिका के साथ दुष्कृत्य करने वाले अभियुक्त राजेश पिता मुन्ना अहिरवार, को विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा- 366ए के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एम) सहपठित धारा 6, के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री मनोज पटैल ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता की मां ने दिनांक 13.04.21 को पुलिस थाना सुरखी में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 13.04.21 के शाम करीब 4 बजे की बात है पीड़िता घर से थोड़ी दूर खेल रही थी कुछ देर बाद पीड़िता घर आई बोली कि उसे शौच के लिये जाना है शौंच कराने लगी तो पीड़िता रोने लगी और उसने बताया कि उसे प्राइवेट पार्ट में दर्द हो रहा है। उसने पूछा क्या हो गया है तो अभियेाक्त्री ने बताया कि खेलते समय अभियुक्त राजेश अहिरवार ने उसके प्राइवेट पार्ट के साथ छेड़खानी की जिससे खून निकलने लगा । फिर वह पीड़िता और उसके पति को लेकर थाना रिपोर्ट करने आई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-सुरखी द्वारा धारा-363, 366ए, 376एबी, 342 भा.दं.सं., तथा धारा- 5(एम)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवम नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।